चित्र देखकर कहानी लिखो
पिछले अंक में हमने आपको कहानी लिखने के लिये यह चित्र दिया था –
इस चित्र पर हमें दिलकेश मधुकर जी ने छत्तीसगढ़ी भाषा में कहानी लिखकर भेजी है जिसे हम यहां प्रकाशित कर रहे हैं –
चतुर बेंदरा
लेखक - दिलकेश मधुकर
एक जंगल म नदियां के तीर म एक ठन जामुन के पेड़ रहय. पेड़ म एक ठन बेंदरा रहय. जेन ह जामुन के पाके पाके गुरतुर फर ल इतरा इतरा के खाथे. लकठा म एक ठन झील म एक ठन मंगरा अउ ओकर सुवारी रहय. मंगरा बहुत आलसी रहय. जेकर सेती ओला एको ठन मछरी नइय मिलय. तुम ओकर सुवारी बहुत नाराज़ रहय.
एक दिन मंगरा ह मछरी खोजत खोजत जामुन पेड़ के तीर आ जाथे. मंगरा उदास रहय तेला देख के बेंदरा ह ओकर हालचाल पूछिस. अउ बहुत कन जामुन के मीठ फर तोड़ के दिस. मंगरा बहुत कन फर ल खाके अउ फर ल अपन सुवारी बर ले जाथे. दोनो झन अब संगी बन जाथे.
मंगरा के सुवारी जामुन के मीठ फर ल खाथे. तव एक दिन ओकर मन म लालच आ जाथे. ओहर बेंदरा ल खाय बर सोचिस. अपन पति ल बेंदरा के करेजा ल लाय बर कथे. तव मंगरा ह अपन संगी ल लाय ले मना करथे. तव पत्नी हठ के आघू हार जाथे. निराश मन ले मंगरा ह बेंदरा ल अपन घर खाय बर बलाथे अउ अपन पीठ म बइठा के ले जात रहय. आधा रद्दा म पहुंच के सब्बो बात ल मंगरा अपन संगी बेंदरा ल बता देथे. तव बेंदरा अपन चतुराई ले कहथे. संगी पहली बताए रहते तव ले आय रहतेव. ओला तो पेड़ म टांग देहे हव. दोनों झन वापिस पेड़ के तीर म आथे. बेंदरा कुद के पेड़ म चढ़ जाथे अउ कहिथे. अरे मुरख भला कोनो अपन करेजा बिना जीये सकथे. मंगरा अपन मुर्खता म रोवत अपन घर चल देथे.
शब्दार्थ –
- सुवारी- पत्नी
- करेजा- कलेजा
- बेंदरा- बंदर
- मंगरा- मगरमच्छ
- रद्दा- रास्ता
- आघू- आगे
अब आप इस चित्र को देखकर कहानी लिखें और हमें dr.alokshukla@gmail.com पर भेज दें. अच्छी कहानियां हम किलोल के अगले में प्रकाशित करेंगे.