सामान्‍य ज्ञान

दुनिया की पहली तैरती पवन चक्की

संकलनकर्ता - कविता कोरी

स्कॉटलैंड में दुनिया की पहली तैरती व्यावसायिक पवन चक्की हाल ही में शुरू हो गई है. यहां सालाना 135 गीगावॉट ऑवर बिजली पैदा होगी, जिससे ब्रिटेन के 20 हजार घरों की आपूर्ति होगी. इन घरों को बिजली मिलना शुरू भी हो गई है. यही नहीं, यह बिजली पेरिस स्थित एफिल टावर की 20 साल की कुल आवश्यकता की पूर्ति कर सकती है. बिजली का इस्तेमाल न होने पर वह लीथियम की बैटरियों में संग्रहित की जाएगी.

नॉर्थ सी में पांच पवन चक्कियां लगाई गई हैं. इनमें से प्रत्येक की क्षमता 6 मेगावॉट है. इस तरह कुल 30 मेगावॉट बिजली पैदा होगी। हाइविंड स्कॉटलैंड प्रोजेक्ट के तहत प्रत्येक पवनचक्की के निचले हिस्से में कंकड़ भरे गए हैं, जिससे ये पानी में तैरने में सक्षम हैं. इन्हें तिपाई आकार के आधार के जरिए समुद्र तल से जोड़कर मजबूती दी गई है. इस प्रोजेक्ट में अबु धाबी फ्यूचर एनर्जी कंपनी की 25 फीसदी और नॉर्वे की ऑइल कंपनी स्टेटॉइल की 75 फीसदी हिस्सेदारी है.

तैरती पवनचक्की लगाकर इंजीनियरों ने नई संभावनाओं के भी दरवाजे खोल दिए हैं. यूं तो पानी में पवनचक्की 1990 से लग रही है, लेकिन इन्हें पानी की गहराई में तल पर बांध दिया जाता था. यहां तैरते टरबाइन को तीन रस्सियों की सहायता से तैरती स्थिति में रखा गया है.

स्कॉटलैंड के पीटरहेड से 25 किमी दूर तट की तरफ जहां प्रोजेक्ट लगा है वहां हवा की गति औसतन 10 मीटर प्रति सेकंड रहती है.

नंबर गेम

  1. हर ब्लेड की लंबाई 79.8 मीटर है, जो एयरबस ए 380 हवाई जहाज़ के डैने के बराबर है।
  2. यह टरबाइन 800 मीटर की गहराई में रखे जा सकते हैं
  3. इनसे 20 हजार घरों को बिजली मुहैया कराई जा सकती है
  4. 63 हजार टन कार्बन उत्सर्जन कम होगा
  5. प्रत्येक टरबाइन का वज़न 111 टन है
  6. प्रोजेक्ट की लागत 1709 करोड़ रुपए है

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