गुड टच - बैड टच

लेखिका – डा. अणिमा उपाध्याय

बच्चों आपको यह जानकारी अवश्य होनी चाहिये कि आपके लिए क्या अच्छा है व क्या बुरा। ज़्यादातर माता-पिता व शिक्षक यह तो बताते हैं कि पढ़ाई करना, सच बोलना, कसरत करना, फल और सब्जियां खाना अच्छी आदत होती है व बुरा व्यवहार करना, झूठ बोलना, चोरी करना इत्यादि बुरी आदतें होती हैं. किन्तु आज के इस दौर में एक और बात है जो बहुत ही महत्वपूर्ण एवं जानने योग्य है और वह है गुड टच या बैड टच अर्थात अच्छा स्पर्श या बुरा स्पर्श. अब यह जानना भी उतना ही ज़रूरी है की इन दोनें ही टच अर्थात स्पर्श में अन्तर क्या है...

तो बच्चों आपको उदाहरण के साथ दोनों टच का अन्तर समझाते हैं.... जब आपके माता व पिता आपसे प्यार जताते हैं तो जो अनुभूति आपको होती है वह है अच्छा टच कयोंकि उनके छूने से आपको खुशी मिलती है. वे कभी भी आपको दर्द नहीं पहुंचाते या ऐसी जगह नहीं छूते जिससे आपको तकलीफ हो. उनके समीप आने से व उनके स्पर्श से आप सुरक्षित महसूस करते हैं, तो यह हुआ अच्छा स्पर्श या गुड टच.

अब करते हैं बैड टच की बात, यह वह टच है जिससे आपको डर लगे या जैसा ऊपर बताया है उससे अलग लगे. इसे और विस्तार से कुछ यूं समझा जा सकता है कि जब कोई आपको जबर्दस्ती गोद में बिठाए, चिपकाए, दबोचे या चुंबन करे. आपके कपडों के अंदर छूने की कोशिश करे या उन अंगों तक पहुंचने की कोशिश करे जिन्हें आपके माता-पिता व शिक्षक सदैव ढंक कर रखने की हिदायत देते हैं, तो समझ लें कि यह बैड टच है.

बच्चों बैड और गुड टच समझने के बाद अब यह भी ज़रूरी होता है कि आपको एसा करने वालों से डरना नहीं चाहिये। यदि आपके साथ कोई भी ऐसा करने की कोशिश करता है चाहे छूने वाला वह व्यक्ति आपका शिक्षक हो, रिश्तेदार हो, आपका मित्र या उनका अभिभावक हो अर्थात कोई भी हो तो आपको इसकी खबर अपने माता-पिता को तुरंत देनी चाहिये. आपको यह बात बताने में तनिक भी शर्माने या घबराने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि इसमें आप कतई दोषी नहीं हैं. हो सकता है कि वह व्यक्ति आपको डराता हो या लालच देता हो कि चॉकलेट देगा या घुमाने ले जायेगा तो ना तो उसके झांसे में आयें ना ही उससे डरें. आपका डर या लालच ही उसको बढ़ावा देगा, आपको बार-बार छूने और नुकसान पहुँचाने में. आप निडर होकर उसे ऐसा ना करने के लिए कहें व अपनी असहमति जताएं व फौरन अपने माता-पिता को उस व्यक्ति के बारे में बताएं। वो ना सिर्फ आपको समझेंगे बल्कि आपको शाबाशी भी देंगे और सुरक्षा भी.

बच्चों आप यह जानकारी भी अपने माता-पिता से ज़रूर साझा करें क्योंकि वे आपके सच्चे मित्र हैं और सदैव आपकी कुशलता चाहते हैं.

Visitor No. : 6630006
Site Developed and Hosted by Alok Shukla