कहानी उत्सव

उद्देश्य: बच्चों में सुनने और बोलने के कौशलों का विकास करना. बच्चों को इस प्रकार प्रेरित करना कि सुनने और बोलने के कौशल, पढ़ने और लिखने के कौशलों में हस्तानांतरित हो सकें. सामुदायिक ज्ञान का स्कूलों से जुड़ाव. कहानियों को स्कूलों में एक शैक्षिक संसाधन के रूप में उपयोग करने को प्रोत्साहन देना. कहानी कथन कला को प्रोत्साहित करना. कहानियों का स्कूली विषयों से जुड़ाव देख पाना.

कक्षा / स्तर: कक्षा 1 से आगे

विषय: प्राथमिक स्तर पर सभी विषय इस गतिविधि से जुड़े हैं.

क्रिया / गतिविधि: समुदाय के सदस्य स्कूल में 8-10 बच्चों के समूह के साथ बैठकर उन्हें समुदाय के संस्कृति से संबंधित कहानी सुनाते हैं. बच्चे अपनी समझ के अनुसार प्रश्न पूछते हैं. जरूरत हो तो कहानीकार (समुदाय के सदस्य) कहानी को दो या तीन बार सुनाते हैं. कहानी सुनने के बाद बच्चे कहानी को हिन्दी / समुदाय की भाषा में लिखते हैं फिर अपनी कल्पनाशक्ति से कहानी की घटनाओं और पात्रों का चित्रण एक चित्र में करते हैं. लिखित कहानी और संबंधित चित्र स्कूल में जमा किया जाता है. इसकी मदद से शिक्षक चाहें तो अलग-अलग विषयों को जोड़कर बच्चों के कौशलों का विकास कर सकते हैं.

यह कार्य 2014-2017 के दौरान राज्य के सरगुजा, बस्तर, महासमुंद और कबीरधाम जिलों के 100 स्कूलों में सफलतापूर्वक किया गया है. इस दौरान करीब 500 कहानीकारों ने अपनी सहभागिता दी. 100 स्कूलों के 450 शिक्षक और इन वर्षों के दौरान लगभग 25000 बच्चों ने भाग लिया. करीब 5000 कहानियों का संग्रह किया गया.

लाभ: कल्पनाशक्ति को बढ़ावा मिलता है. सुनने का कौशल विकसित और सुदृढ़ होता है. पढ़ने, रचनात्मक लेखन और भाषा के प्रति लगाव उत्पन्न होता है. शब्दावली, समझ (बोध) घटनाओं के क्रम और कहानी कहने जैसे भाषायी कौशलों का विकास होता है. कहानी में उपयोग की गयी भाषा के शब्दों और सामान्य अनुभव से बच्चों के एक समुदाय का गठन होता है.

किलोल को छापकर बच्चों में नि:शुल्क वितरण

बेलगहना से पुष्पेन्द्र तिवारी जी ने लिखा है – ‘‘यह हमारे राज्य की पत्रिका है जिसमें बच्चों के रुचि को ध्यान में रखकर बनाई गई है. इस पत्रिका में बच्चों के लिए बाल कविता कहानियाँ पहेली चित्र एवं गतिविधियाँ भी शामिल हैं जो हम सब इसे ध्यान से पढ़कर सीखते है. इसी क्रम मे हमारी रचना भी शा प्रा विद्यालय बेलगहना की ओर से छपती है. इसकी छायाप्रति निकलवाने की राशि स्वयं के व्यय से करते है. विद्यालय के बच्चे बड़े ही उत्साह से पत्रिका का इंतजार करते हैं और जब पत्रिका आती हैं तो आनंदपूर्वक पढ़ते है.’’

पुष्पेन्द्र तिवारी जी को हृदय से धन्यवाद.

आनलाईन प्रश्नोत्तरी

निर्माणकर्ता - दिलकेश मधुकर

छात्र-छात्राओं और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं प्रतिभागियों के लिए एक अनूठी पहल की गई है. यह प्रश्नोत्तरी बनाई गई है. इसके लिए लिंक है -https://sites.google.com/view/navaparakarra/quiz

इसके अतिरिक्ति अन्यe प्रश्नोaत्तररियां भी हैं - छत्तीसगढ़ ज्ञान प्रश्नोत्तरी -https://testmoz.com/1917410/

विज्ञान प्रश्नोत्तरी 6 - https://testmoz.com/1944876/

विज्ञान प्रश्नोत्तरी 7 - https://testmoz.com/1945102/

विज्ञान प्रश्नोत्तरी 8 - https://testmoz.com/1945760/

सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी - https://testmoz.com/1985837

चित्र पहचान पहेली - https://goo.gl/forms/bx1LnoekZb9wge8P2

आनलाईन सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी में शासकीय प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और हाईस्कूल नवापारा कर्रा विकास खंड पाली जिला कोरबा के 60 बच्चों ने परीक्षा दी. जो बच्चे लेपटॉप चलाने से डरते थे उन्होने भी इस परीक्षा में बैठकर अपने डर को हराते हुए उत्कृष्ट स्थान प्राप्त किया. इसका उपयोग आप सब भी आसानी से अपने मोबाइल या लैपटॉप पर इंटरनेट कनेक्श‍न के साथ कर सकते हैं. यह बहुत उपयोगी है.

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