पहेलियां

संकलनकर्ता - कु. सृष्टि मधुकर

  1. कल बनूं धड़ के बिना, मल बनूं सिर हीन ।
    पैर कटे थोड़ा रहूं ,अक्षर हैं कुल तीन ।।

    उत्तर :- कमल

  2. मध्य कटे तो सास बन जाऊं,
    अंत कटे तो सार समझाऊं ।
    मैं हूं पक्षी, रंग सफेद,
    बताओ मेरे नाम का भेद ।

    उत्तर :- सारस

  3. पूंछ कटे तो सीता, सिर कटे तो मित्र ।
    मध्य कटे तो खोपड़ी, पहेली बड़ी विचित् र।।

    उत्तर :- सियार

  4. सिर काटो तो तोला जाऊं,
    पैर कटे तो वृक्ष कहलाऊं ।
    कमर कटे तो जंगल जानो,
    जरा मुझे तो तुम पहचानो ।।

    उत्तर :- बटन

  5. प हटे तो लगता है कोड़ा,
    नमक साथ में तीखा थोड़ा ।
    खाने में यह सबको भाए,
    खाते ही सबका मन हर्षाए ।।

    उत्तर :- पकोड़ा

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