चित्र देखकर कहानी लिखो

पिछले अंक में हमने कहानी लिखने के लिये दीप्ति दीक्षित जी का बनाया हुआ यह चित्रा छापा था –

इस चित्र पर हमे बहुत सी कहानियां मिली हैं जिनमें से कुछ हम यहां प्रकाशित कर रहे हैं –

दोस्ती


लेखक - अजीत गेरा

एक समय की बात है, एक जंगल में अचानक एक नया खरगोश आ गया. जंगल के सभी जानवरों को लगा कि यह अजनबी खरगोश जंगल के लिये खतरा हो सकता है. सब जानवरों ने मिलकर हिरन, कछुआ और चींटी को इस नए खरगोश को भगाने की जिम्मेदारी दी. वे तीनो खरगोश का पीछा करने लगे. खरगोश उनके हाथ न आया. कई दिनों तक वह तीनो को अपने पीछे पीछे घुमाता रहा. एक दिन जब खरगोश पेड़ के नीचे सो रहा था तभी वहाँ हिरन, कछुआ और चींटी चुपके से आये और उन्होने खरगोश को रस्सी की सहायता से पेड़ से बाँध दिया. खरगोश जोर-जोर से रोने लगा. उसने बताया कि वह दूर किसी जंगल से आया है जहाँ कुछ दिनों पहले बहुत भयानक आग लग गई थी. वह अपने मम्मी पापा व पूरे परिवार से बिछड़ गया और इस जंगल में पहुंच गया. ये सुनकर तीनो की आँखे नम हो गईं. वे खरगोश को अपने साथ अपने कुनबे ले आये. वहाँ खरगोश की आपबीती सुनकर सभी ने खरगोश अपना लिया. खरगोश की उन तीनो से दोस्ती हो गई. 'बिना असलियत जाने किसी के लिए भी गलत सोच नहीं रखनी चाहिए'

अगली कहानी हार-जीत में नलिनी राय जी ने हिन्दी एवं अंग्रज़ी के शब्दों को मिलाकर प्रयोग किया है. बच्चों को अंग्रेज़ी सिखाने में यह उपयोगी हो सकती है -

हार-जीत

लेखिका – नलिनी राय

One day एक Tortoise, एक Rabbit औऱ एक Deer तीनों एक tree के नीचे बात कर रहे थे. अचानक Tortoise एवं Rabbit में discussion होने लगा Rabbit बड़ा Proud था कि वह बहुत Fast दौड़ता है. Rabbit की बात सुनकर Deer ने कहा कि क्यों न दोनों के बीच दौड़ का competition हो जाए. Tortoise मान गया. दौड़ शुरू हुई. Rabbit ने बहुत fast दौड़ते हुए कुछ time बाद पीछे मुड़कर देखा कि tortoise नहीं दिख रहा है तो वह एक tree के नीचे बैठकर Rest करने लगा औऱ उसे नींद लग गई. इधर tortoise धीमी गति से दौड़ते हुए competition जीत गया.

शब्दार्थ -

One day - एक दिन, Rabbit - खरगोश, Tortoise - कछुआ, Deer - हिरण,Tree - पेड़, Discussion - बातचीत, Proud - घमंडी, Fast - तेज, competition - प्रतियोगिता, Rest - आराम

प्यासा खरगोश

लेखिका - कु.रोमा ओरकेरा कक्षा- सातवीं, पूर्व माध्यमिक विद्यालय नवापारा कर्रा

एक पेड़ के नीचे एक चींटी बैठी थी. तभी एक खरगोश और हिरण वहां आये. तीनों मित्र जंगल में घूमने चले गए. जंगल में घूमते-घूमते खरगोश को प्यास लगी. पास में कोई तालाब नज़र नहीं आया. तब हिरण बोला - मेरा एक दोस्त कछुआ तालाब में रहता है. चींटी बोली - चलो हम सब वही जाएंगे. फिर तीनों मित्र तालाब के पास गए. खरगोश ने पानी पि‍या. थोड़ी ही देर में कछुआ तालाब से बाहर निकला. हिरण की नजर कछुए पर पड़ी. हिरण ने कछुए को बुलाया और चींटी तथा खरगोश से मिलवाया. चारों मित्र बन गये.

चींटी और खरगोश

लेखिका - कु.उर्मिला एवं कु.जागृति गंधर्व कक्षा सातवीं

एक पेड़ था. पेड़ के नीचे चींटी थी. चींटी खरगोश को ढूंढ रही थी. तभी वहां पर कछुआ पहुंचा. कछुए ने खरगोश को पूछा - 'क्या तुम दोनों लुका-छिपी खेल रहे हो?' खरगोश ने कहा - 'नहीं-नहीं, मुझे चींटी पकड़ रही है, इसलिए मैं भाग रहा था. तुमसे बात करके मै अपना समय नष्ट- नहीं करूंगा. मुझे जाने दो. मेरा दोस्त हिरण पेड़ के नीचे मेरा इंतजार कर रहा होगा.' चींटी थककर पेड़ के नीचे आराम कर रही थी. तभी हिरण और खरगोश वहां आये. खरगोश ने चींटी से पूछा - 'तुम मुझे ही ढूंढ रही हो.' चींटी ने कहा - 'हां मैं तुम्हें ही ढूंढ रही थी. तुम शायद भूल गए हो कि कुछ साल पहले इसी पेड़ के नीचे हम मिले थे. जब तुम्हें भूख लग रही थी, तब मैंने तुम्हारे लिए खाने की व्यवस्था की थी. उसी वक्त हमारी दोस्ती हो गई थी.' खरगोश को याद आ गया. सभी साथ मिलकर खेलने लगे.

अगले अंक के लिये हमें शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय नवापारा, पाली, कोरबा से कक्षा सातवीं की छात्रा कु.रबीना टोप्पो से एक बड़ा सुंदर चित्र प्राप्त हुआ है जिसे हम यहां प्रकाशित कर रहे हैं. इस चित्र को देखकर जल्दी से कहानी लिखो और हमे dr.alokshukla@gmail.com पर भेज दो. सभी अच्छी कहानियां हम किलोल में प्रकाशित करेंगे.

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